भारत तथा अन्य देशों में आतंकी हमले होते रहते है. संभावना है की इनकी वजह सिर्फ एक ही है और वोह है पाकिस्तान. पाकिस्तान केवल अपने आतंक के लिए ही जाना जाता है.
पाकिस्तान कई आतंकी दलों को मदत करता है. पाकिस्तान चाहता है की आतंक फैलाने से उन्हें जन्नत नसीब होगी और लोगो में कॉफ़ बना रहेगा. देखा जाये तोह यह फिझुल की बाते है. अगर किसीको मारने से जन्नत नसीब होती तोह आज मानव का अंश धरती पर नहीं रहता. जो भी हमले आतंकीयों ने किये है उन्हें कोई आर्थिक रूप से मदत करता है. कई देश भी इस आतंक में शामिल है. माना गया है जो हतियार अमेरिका के पास है वाही इन आतंकियों के पास भी देखा गया है. असल में कई संघटन है जो आतंक को अपना धर्म मानते है. लश्कर ए तैबान के को फाउंडर मौलाना आमिर हमजा को हाफिज सयिएद फंडिंग करता था. कित्नु अब फंडिंग बंद हो गयी है. इसकी वजहसे संघटन के लोग आपस में लड़ रहे है.
हाफिज सईद की संघटन जमात-उद-दावा पर सरकारी बेन लग चूका है. इस संघटन के बंद होने के बाद हाफिज सईद ने फंडिंग रोक दी. इस बात से आमिर हमजा खफा है. फंडिंग के रुक जाने की वजहसे आमिर हमजा ने लश्कर-ए-तैबान से अलग होकर एक नया आतंकी संघटन शुरू करने का फैसला लिया है. इस नए संघटन का नाम है मंकफा. दोनों संघटन के आतंकी लड़ाई करने पर उतर आये है. जानकारी के अनुसार आमिर हमजा २६/११ के हमले में मोस्ट वांटेड आतंकवादी है. सूत्रों का कहना है की जो नया संघटन बना है मंकफा वोह भी कश्मीर या भारत के अलग अलग शहरों में आतंकी हमले कर सकता है. क्योंकि मंकफा जैसे संघटनो को खुदको साबित करना है की वह भी काबिल है आतंकी बन्ने औए हमले के लिए.
जयशे मंकफा जैसे संघटन भारी कोशिश करते है की वह अपने लीडर्स को बता सके की किस काबिल है. पाकिस्तान में उनके लीडर्स बैठे होते है. ऐसे संघटन पर नज़र रखनी चाहिए क्योंकि वैह काफी नुकसान कर सकती है. हमले के बाद जब एजेंसी छान बिन करती है तब वह सबसे पहेले जो पहेले ही मौजूद आतंकी दलों की खोज करती है. एजेंसी पहेले ये जांच करती है की कही हाफिज सईद, मोहमद जैसे लोग शामिल तोह नही. लेकिन जानकारी ना होने के कारन ऐसे छोटे संघटन अपना काम जारी रखती है और कई बड़े हमले का शिकार होते है मासूम लोग. संघटन जब टूट जाये तोह तबाही मचा देगा. इन संघटनो की लिंक सीधे पाकिस्तान से ही आती है. पाकिस्तान के आय एस आय यह सभी संघटनो को पैसा, हतियार देते है.