जब से केंद्र में बीजेपी की सरकार आई हैं नरेन्द्र मोदी ने भ्रष्टाचार मुक्ति देश का नारा लगाया हैं, इसके लिए बड़े और ठोस कदम भी बीजेपी उठती जा रही हैं. जिससे सोनिया और कोंग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को हो सकती हैं जेल.
पीएम नरेन्द्र मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाप नोटबंदी जैसे कुछ बड़े निर्णय भी ले चुके हैं. जिसके चलते भारत से दूर विदेश में छिपाया काला धन इंडिया वापस लाने के लिए मदत होने जा रही हैं, सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबित अब स्वित्ज़रलैंड में रखा काला धन बर्खास्त होने वाला हैं, स्वित्ज़रलैंड ने अब काले धन पर कारवाही कर इस पर से पर्दा उठाया हैं. स्वित्ज़रलैंड ने एक बड़ा निर्णय लिया हैं जिसमे भारत समेत ४० अन्य देशो के संग बैंक के एकत्रित आदानप्रदान के लिए मान्यता देकर उस पर हस्ताक्षर कर लिए हैं. २०१९ तक इन सब देशों के बिच आपसी मिलन से कारोबार शुरू हो जायेगा. इसका पूरा फ़ायदा भारत सरकार को होगा अब कौनसे बैंक में किस भारतीय के कितने पैसे हैं अब पता चल पायेगा.
इसका उपयोग काले धन पर निगरानी रखने के लिए होगा. काफी लोग इंडिया से बाहर भारी मात्रा में अपना पैसा छुपा कर रखते हैं. इस पे नरेन्द्र मोदी के सरकार ने रोक लगाना जारी किया हैं. इन विदेशी बैंक अकाउंट के चलते जरुरत से जादा धन वाला कोई होगा तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट तुरंत उसपर कारवाही करेगी. इन लोगों को स्विस बैंक को अपने पैसों से सम्बंधित पूछे जाने पर जवाब देना होगा. साथ ही कारवाही में भारी जुर्माना लगाते हुए रकम हासिल करेगी. अब इस फैसले के चलते आयकर विभाग तुरंत ही एक्शन में नजर आएँगी, ये एहम फैसला ब्लैक मणि के ऊपर निगरानी रखने में मदत करेगा. इस निर्णय को लेकर एकत्रित संघटन के लिए भारत समेत सब देशों को कुछ नियम दिए जायेंगे इसका पालन इन देशों को करना होगा.
इस नियमों में सबसे बड़ा और महत्त्वपूर्ण नियम हैं गोपनीयता रखना इनमे भारत को स्विस बैंक से काले धन छुपाने वाले लोगों की जानकारी दी जाएगी लेकिन कोई भी देश की सरकार इसका खुलासा मिडिया और सामान्य जनता में तब तक नहीं कर सकती जब तक सरकार को इन लोगों के खिलाप कोई ठोस साबुत ना हो और जब तक कोर्ट उन्हें इस बात पर दोषी न ठहराए. नियमों के आधार पर स्विस बैंक के नियमों की हिफाजत भी करनी होगी क्यूंकि ऐसी बड़ी जानकारिया गलती से दूसरों के हात में न लग जाये, अगर ऐसा होता हैं तो स्विस बैंक में जो कोई जाता पैसा भरते आ रहा हैं उनके ऊपर भी खतरा मंडराने लगेगा. इस प्रकार की कोई बड़ी जानकारी गलती से भी लीक हो गई तो इसका पूरा फ़ायदा अपराधियों को भी हो सकता हैं.
ये आपसी मिलन के तहेत एकत्रित कारोबार काले धन के खिलाप भारत सरकार को मिली सबसे बड़ी कामयाबी हैं. स्वित्ज़रलैंड इस आदानप्रदान को शुरू करने से पूर्व सभी देश इन से जुड़े नियमों का पालन करने के लिए तैयार हैं की नहीं इसकी पड़ताल करेगी. अगर इन नियमों का किसीने पालन नहीं किया तो इस एकत्रित आदानप्रदान को स्वित्ज़रलैंड तुरंत स्थगित करेंगी. स्वित्ज़रलैंड से बताया जा रहा हैं की उन्होंने आकड़ों की गिनती एकत्रित करना चालू किया हैं जिससे ओ अन्य देशों की इनकी संख्या एकसाथ बताया जा सके. इंडियन प्राइम मिनिस्टर नरेन्द्र मोदी के दबाव के कारन इस मामले को लेकर स्वित्ज़रलैंड जैसे बड़े देश ने इस मुद्दे को होकार दिया हैं. इस ऐतेहासिक निर्णय के चलते बड़े नेता और बिजनेस मैन का काला चिटठा सबके सामने आएगा. स्विस बैंक में काले धन को छुपाने वालों में कोंग्रेस के कई बड़े नेता भी शामिल हैं.